रह गए हैं बस, मैं, मेरी यादें, मेरी बातें, और मेरा साथ...! रह गए हैं बस, मैं, मेरी यादें, मेरी बातें, और मेरा साथ...!
आफ़ताब की रौशनी, गुमनाम मुसाफिर चल पड़ा मुकाम पाऐगा या नहीं, भटका हुआ वो कही खड़ा मदिरालय ने रोक लिया... आफ़ताब की रौशनी, गुमनाम मुसाफिर चल पड़ा मुकाम पाऐगा या नहीं, भटका हुआ वो कही खड़ा ...
लेन देन आसान हो गया घर बैठे ही सब मंगवाना, कहीं नही अब आना जाना ओनलाईन हो गया ज़माना । लेन देन आसान हो गया घर बैठे ही सब मंगवाना, कहीं नही अब आना जाना ओनलाईन हो गय...
स्वयं को भूल, अंजान राहों पर बढ़ना, और राह की ठोकरों से दो चार होना। स्वयं को भूल, अंजान राहों पर बढ़ना, और राह की ठोकरों से दो चार होना।
कहीं दूर के दोस्तों से जोड़ दिया है तुमने पर घरवालों से किया अति दूर! कहीं दूर के दोस्तों से जोड़ दिया है तुमने पर घरवालों से किया अति दूर!